इजरायल के लिए हरियाणा में 10 हजार की भर्ती, अब और राज्यों में चलेगा अभियान; क्या करेंगे ये लोग…

हरियाणा की एक सरकारी कंपनी ने पिछले दिनों अभियान चलाकर 10 हजार लोगों को इजरायल के लिए भर्ती किया था।

अब इजरायल से एक और डेलिगेशन में अगले सप्ताह आने वाला है, जो अन्य करीब 20 हजार लोगों का चयन करेगा। इन सभी लोगों को इजरायल में कंस्ट्रक्शन के काम में लगाया जाएगा।

इसकी वजह है कि गाजा में युद्ध के चलते बड़े पैमाने पर इजरायली मोर्चे पर तैनात हैं और लेबर की कमी हो गई है। ऐसे में इसकी पूर्ति के लिए इजरायल की सरकार ने भारत का रुख किया है।

इजरायल बिल्डर्स एसोसिएशन ने बताया कि 27 दिसंबर से दिल्ली और चेन्नै में भर्ती का अगला अभियान शुरू होगा। 

इजरायल बिल्डर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता शाय पॉजनर ने बताया, ‘हम अगले सप्ताह 27 दिसंबर से दिल्ली और चेन्नै में अभियान शुरू करेंगे। फिलहाल सरकार की मंजरी से 10 हजार मजदूरों को लाने का काम कर रहे हैं। इस संख्या को हमें जल्दी ही 30 हजार तक ले जाना है।

यह प्रक्रिया अभी चलेगी और इसमें कुछ महीने लग सकते हैं।’ पॉजनर ने कहा कि अगले सप्ताह शुरू होने वाली चयन प्रक्रिया 10 से 15 दिनों तक चलेगी।

पिछले दिनों इजरायल बिल्डर्स एसोसिएशन की एक टीम हरियाणा आई थी। इसने चयन प्रक्रिया को पूरा किया था। अब यह टीम सीईओ इगाल स्लोविक के साथ अगले सप्ताह फिर आने वाली है।

इजरायल की कंस्ट्रक्शन एंड हाउसिंग मिनिस्ट्री के डायरेक्टर जनरल येहुदा मोर्गेन्सटर्न भी भारत आने वाले डेलिगेशन के साथ होंगे।

इजरायल के पीएम ऑफिस का कहना है कि इस मामले में बेंजामिन नेतन्याहू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भी बातचीत हुई है।

पॉजनर ने कहा, ‘हमें तत्काल ज्यादा लोगों की जरूरत है। यह सरकार को ही फैसला लेना है कि कितनी जल्दी कम पड़ रहे मजदूरों की भरपाई की जाएगी।’ भारत से ले जा रहे लोगों को वे काम दिए जाएंगे, जहां कर्मचारियों की संख्या कम है। पहले भी कई बार इजरायल में दूसरे देशों से लोगों को काम के लिए बुलाया जाता रहा है। 

1 लाख फिलिस्तीनियों का वर्क परमिट खत्म, भारत की ओर देख रहा इजरायल

दरअसल इजरायल में वर्करों की कमी इसलिए हुई है क्योंकि हमास के युद्ध के बाद वेस्ट बैंक से आने वाले 80 हजार और गाजा पट्टी के 17 हजार मजदूरों का वर्क परमिट समाप्त कर दिया गया है।

ऐसे में करीब 1 लाख वर्करों की कमी को पूरा करने की जरूरत है। इजरायल के इस फैसले से फिलिस्तीन के उन लोगों को करारा झटका लगा है, जो रोजगार के लिए उसके यहां काम पर निर्भर थे।

वहीं भारत से बड़ी संख्या में लोगों को इजरायल में रोजगार मिलने जा रहा है। इजरायल में फिलहाल 7 हजार चीनी भी काम कर रहे हैं। 

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